मोहे पिया मिलन की आस , पिया बैठे है सिन्धु के पार, ओ मेरे माझी ......। ना रकम रही,थक गई अन्खिया, बैरन बनी सारी सखिया, ओ मेरे माझी ....। एक साथ का वादा था उनका, अब सान्से है आन्ख चुराए रही, ओ मेरे माझी .....। एक सहारा तु ही बचा, तु भी ना इन्कार, ओ मेरे माझी .....। माझी ।