नाम जिंदगी के कितने लिखे, क्यो ना इसे कभी खुशी तो कभी गम लिखे, उजालो की बस्ती में, मोम का पिघलना लिखे, बुझ गया है चिराग जो, उसको सिर्फ क्यो अंधेरा लिखे, बदलता मौसम, क्यो ना इसे जज्बात लिखे, बेहाल है जो चंद फरिश्ते, बेवजह के हालात लिखे, गिरता है मेरी आँख से, मेरे इंसान होने का गवाह लिखे, गैरत को मार चल दिया जो, करीब श्मशान लिखे, हरबंश तेरी औकात क्या है, कितने तेरे नाम लिखे, फकीर तेरा वजूद नही, क्यो ना तुझे मतलबी लिखे, खेर, ये बिना मतलब के वजीफे, इन्हे क्या लिखे, बहुत आये और चले गये, जिंदगी तेरा का इस्तक़बाल लिखे, #हवाबदलीसीहै #बेहतरीन #बागी #विद्रोही #हरबंश नाम जिंदगी के कितने लिखे, क्यो ना इसे कभी खुशी तो कभी गम लिखे, उजालो की बस्ती में, मोम का पिघलना लिखे, बुझ गया है चिराग जो, उसको सिर्फ क्यो अंधेरा लिखे, बदलता मौसम, क्यो ना इसे जज्बात लिखे, बेहाल है जो चंद फरिश्ते, बेवजह के हालात लिखे,