खुल गया था सब जो राज़ था ज़बान से छुआ उसने, करहाई मैं दरमियां न पर्दा न लिबास था मानो खुल्द का कोई आज़ाब था (खुल्द = heaven, आज़ाब = punishment) गुल जैसे लिपट गया गुलों से एक नाश चढ़ता था मुझे, लेकिन तूफ़ान का ये बस आगाज़ था जिस्म से मेरे पीता वो शराब था अभी चूमे थे मेरे बस लब उसने कांपता तन और मचलता मन मानो जैसे छेड़ा एक साज़ था जैसे आया एक सैलाब था मेरी नर्म रानें, उसकी गर्म साँसें खिला रुख़सार उलझे बाल मानो जिस्म के हर तार में इर्तिआस था घने बादलों में छूपा आफताब था (रनें = thigh, इर्तिआस = झंकार) (रुख़सार = Face आफ़ताब = Sun) सुनता वो मेरी आहें, जैसे ग़ज़ल अनजानी चाहतों का ये परवाज़ था #ghazal #nojotohindi #nojoto #poetry #love #lust #night #erotica #beauty #desire #women #girl #urdu #hindi #midnight #heaven #jannat