आंखें ही बयान करती हैं हाल-ए-दिल को दिल की ख़वाइशें लफ़्ज़ों की मोहताज नहीं दिल की आवाज़ रूह से सुनी जाती है मिलने की तलब हो यार को, पलकों का चिलमन उठ कर झुकना ही देता है दिल लफ़्ज़ की आवाज़ को ©Dr Supreet Singh #आंखों_की_जुबां