स्कूल और बेंच यू तो किस्से दोस्तो के संग के बहुतेरे है, पर सबसे हसीं याद जो मिटाए नही मिटती वो पहली मोहब्बत का नाम जो दोस्तो कि शर्त पर हमने स्कूल कि बेंच पर कुरेदे थे। इन्ही बेंच से जमाने से हम वाकिफ़ हुए कभी थाप तबले कि तो कभी गालिब हुए वो खत पहले इश्क का तलाशता ही रहा जमाना दोस्तो ने ही सिखाया था च्विंगम से बेंच के नीचे चिपकाना। #बैक #बेंचर्स