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#OpenPoetry बादल भी रो पड़े कल रात, सिर्फ तेरे ही य

#OpenPoetry बादल भी रो पड़े कल रात,
सिर्फ तेरे ही याद में,
क्यूँ तू गुज़र गई,
इतनी जल्दी इस संसार से।

तू शेरनी थी देश की,
तेरे चर्चे भी मशहूर थे
कुछ साल और रह जाती ,
सबकी यही तो गुहार थी

बुझ गया एक दीप मानो
हो गया अब अंधकार,
फिर न इस स्वराज्य में लेगा,
कोई इस तरह का अग्रिम स्थान।

विदेश नीतियाँ जो तू दे गई
ना बदलेंगी वो अब तनिक
अजर-अमर तू हो गयी,
है स्वराज्य की तू "स्वराज". शेरनी
#OpenPoetry बादल भी रो पड़े कल रात,
सिर्फ तेरे ही याद में,
क्यूँ तू गुज़र गई,
इतनी जल्दी इस संसार से।

तू शेरनी थी देश की,
तेरे चर्चे भी मशहूर थे
कुछ साल और रह जाती ,
सबकी यही तो गुहार थी

बुझ गया एक दीप मानो
हो गया अब अंधकार,
फिर न इस स्वराज्य में लेगा,
कोई इस तरह का अग्रिम स्थान।

विदेश नीतियाँ जो तू दे गई
ना बदलेंगी वो अब तनिक
अजर-अमर तू हो गयी,
है स्वराज्य की तू "स्वराज". शेरनी