"चश्मे" धूप व नजर के चश्मे के अलावा भी, होते हैं कई प्रकार के चश्मे, जैसे., जाति, धर्म, राजनीति के चश्मे., जो हमें पहना दिये जाते हैं, जाने-अनजाने में ही.. बहुत मोटे हैं इन चश्मों के फ्रेम, ताकि, देखने वालों को उतना ही दिखे., जितना ये दिखाने वाले, दिखाना चाहते हैं.. जिस रोज उतार फेकेंगे, हम सब ये चश्में., उस रोज, सब-कुछ साफ़ दिखाई देगा., और सही मायने में तभी बन पाएगा, हमारा भारत 'सोने की चिड़िया'.. ©Balram Bathra #चश्मे