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बहनों की राखी, भाई का प्यार.... हो गया सूना संसार.

बहनों की राखी,
भाई का प्यार....
हो गया सूना संसार..
आंखे पुरनम बहती धार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए.....
सूनी गलियां 
बसंत बहार
सूना फागुन
रंग की बौछार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए...
बूढ़ी मां की आंख का तारा..
बूढ़े पिता का एक सहारा..
नाव फंसी बीच मझधारा
ढूंढे मिलता नही किनारा..
बोलो वो सब कहाँ गए
बच्चों की वो सर की छाया
ज्यों आगे पीछे हो साया
छुट्टी में क्यों घर न आया
एक मासूम समझ न पाया
बोलो माँ वो कहाँ गए..
हाथों की भी न छूटी मेहंदी..
सर से भी न उतरी बेंदी..
निरपराध मासूम बाग की
जीते जी ही बलि क्यों ले ली..
पूछे "पी.के." सब कहाँ गए...

हाय विधाता तेरी माया
कैसा कहर ये तूने ढाया...
क्या तुझे न्याय और अन्याय
कुछ समझ न आया... बहनों की राखी,
भाई का प्यार....
हो गया सूना संसार..
आंखे पुरनम बहती धार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए.....
सूनी गलियां 
बसंत बहार
बहनों की राखी,
भाई का प्यार....
हो गया सूना संसार..
आंखे पुरनम बहती धार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए.....
सूनी गलियां 
बसंत बहार
सूना फागुन
रंग की बौछार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए...
बूढ़ी मां की आंख का तारा..
बूढ़े पिता का एक सहारा..
नाव फंसी बीच मझधारा
ढूंढे मिलता नही किनारा..
बोलो वो सब कहाँ गए
बच्चों की वो सर की छाया
ज्यों आगे पीछे हो साया
छुट्टी में क्यों घर न आया
एक मासूम समझ न पाया
बोलो माँ वो कहाँ गए..
हाथों की भी न छूटी मेहंदी..
सर से भी न उतरी बेंदी..
निरपराध मासूम बाग की
जीते जी ही बलि क्यों ले ली..
पूछे "पी.के." सब कहाँ गए...

हाय विधाता तेरी माया
कैसा कहर ये तूने ढाया...
क्या तुझे न्याय और अन्याय
कुछ समझ न आया... बहनों की राखी,
भाई का प्यार....
हो गया सूना संसार..
आंखे पुरनम बहती धार
पूछे हमसे बार बार
बोलो वो सब कहाँ गए.....
सूनी गलियां 
बसंत बहार