Nojoto: Largest Storytelling Platform

#जबरन इश्क कल किसी की सादगी को टूटते देखा था झुकी

#जबरन इश्क
कल किसी की सादगी को टूटते देखा था
झुकी पलकों को गैर के सामने सिमटते देखा था
उस कमसिन के दिल में शायद ये एहसास नहीं था
वो इश्क चाह का जालिम भले पास ही था
में किसी से बात नही करती हूँ  ये जताना जरूरी हो गया था
सब छोटी- छोटी बातो को उसे बताना जरुरी हो गया था
शायद उसके दिल में मुहब्बत का कोई राज नही था
पर बैठा आशिक सामने  कोई बेआवाज नही था
सरकी जब वो चाय की महफिल से जालिम साथ चलने लगा
फिर वहीं सब इश्क की बात करने लगा
में हैरान हूँ , बेआवाज हूँ  कुछ कह नहीं सकती दिल के मुजरिम को
जब हल्की मुस्कान दे चली वो अपनी किसी महफिल को
शायद अबकी बार मृग शिकार से पहले भाग जायेगा
तन्हा सफर में उसका प्यार शायद जाग जायेगा..... 
                                               #भारद्वाज पुष्कर
     
. जबरन इश्क
#जबरन इश्क
कल किसी की सादगी को टूटते देखा था
झुकी पलकों को गैर के सामने सिमटते देखा था
उस कमसिन के दिल में शायद ये एहसास नहीं था
वो इश्क चाह का जालिम भले पास ही था
में किसी से बात नही करती हूँ  ये जताना जरूरी हो गया था
सब छोटी- छोटी बातो को उसे बताना जरुरी हो गया था
शायद उसके दिल में मुहब्बत का कोई राज नही था
पर बैठा आशिक सामने  कोई बेआवाज नही था
सरकी जब वो चाय की महफिल से जालिम साथ चलने लगा
फिर वहीं सब इश्क की बात करने लगा
में हैरान हूँ , बेआवाज हूँ  कुछ कह नहीं सकती दिल के मुजरिम को
जब हल्की मुस्कान दे चली वो अपनी किसी महफिल को
शायद अबकी बार मृग शिकार से पहले भाग जायेगा
तन्हा सफर में उसका प्यार शायद जाग जायेगा..... 
                                               #भारद्वाज पुष्कर
     
. जबरन इश्क