तुम सोचती हो मुझे कुछ याद नही रहता ठीक ही सोचती हो मैं भूल जाता हूं तुम्हारा जन्मदिन अक्सर पता है क्यों? क्योंकि जब तुम मेरे पास होती हो आंखों को शिकायत नही होती दिल को शुकुन होता है खामोशी होती है पर सब कुछ याद होता है तुम क्या सोचती हो? जो भी सोचती हो ठीक ही सोचती हो इस बार तुम दूर हो तुम्हारा जन्मदिन फिर पास है मैंने भेजें हैं कुछ झुमके जो तुम्हारे लिए खास हैं तुम सोंच रही होगी इसबार भी...कुछ! #श्रुति #जन्मदिन #2020 @kliitb इस #शिकायतें