जो दिखता है धोखा है क्या नजरों का, यार दिखा जो काम नही है गैरों का। नर भक्षी दानव आतंक मचाएंगे, कौन सहारा होगा अब इंसानों का। दिल भी रोया अश्क भरे इन आंँखों में, हाल दिखा जब कलयुग की संतानों का। खून खराबा क्यों होता है दुनिया में, करते क्यूंँ सब काम यहांँ शैतानों का। घर के भेदी होंगे जब घर वाले ‘मन’, कब्जा होगा फिर तो तालीबानों का। #तालिबान #taliban #ग़ज़ल_मन #शैतानियाँ #खून