क़िस्सा वही मैं बार बार, फिर से मैं दोहराउंगा, ग़र भर गया हो घड़ा, मैं काल बन कर आऊंगा. कंठ में बैठा रखा है विश्व के विनाश का, तेरे जैसे लाखों का अहम भी पी जाऊंगा. छुपा नहीं तू मुझसे, चाहे मुखोट तू ओढ़ ले, त्रिकलदर्शी हूं मैं, तेरा साथ दर्पन लाऊँगा. विनाश तेरा तय है, जितना भी चाहे ज़ोर दे, मृदा मृदा देखा है, अब उग्र रूप दिखलाउंगा. छोड़ दे ये छल कपट, और लोभ मान का, लौट जा उस राह पे, जो राह मैं दिख लाऊँगा. क़िस्सा वही मैं बार बार, फिर से मैं दोहराउंगा, ग़र भर गया हो घड़ा, मैं काल बन कर आऊंगा. #yqdidi #yqhindi #yqlord #serene #hindi Pic- Google.