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White नशा आँखों में देखा उनके, पाजेब की झंकार सुन

White 
नशा आँखों में देखा उनके,
पाजेब की झंकार सुन हुआ था दीवाना...
वो जिनके चेहरे पर नूर था बरसता,
उनके माथे की बिंदी को देख हुआ था परवाना... 

बाबला सा मन हुआ था मेरा, 
बस उनकी एक मुस्कान से...
मानो आग बरसाई जा रही थी, 
अपनी ठुमकती हुई चाल से... 

श्रींगार कुछ ऐसा, 
मानों कोई अप्सरा आयी थी,
अपने मखमली हाथों के स्पर्श से,  
मेरे गालों को सहलायी थी...
गुफ़्तगू कुछ प्रेम सा, आँखों हीं आंखों में हो आयी थी,
मेरे ख्वाबों में राज कर, मुझे वो सुलायी थी... 

सुबह जब नींद खुली, था पड़ा विरान,
पिछली रात ख्वाबों में जो आयी थी,
मैं था उन से अनजान...

हूर थी वो, कोहिनूर थी वो, मिलने को तरसा गयी,
'तड़प' ऐसी लगी, मेरी नींद तक उड़ा गयी...
अब देखना चाहूँ ख्वाब उसका, ख्वाब भी नहीं आते हैं,
रातें खा जाती है तमस और दिन आफताब जला जातें हैं... 

वो जिन्हें न देख सकूं, न छु पाऊँ, 
ऐसी प्यास हीं क्यूँ दे जाते...
जिनसे मिलन हो दुर्लभ, 
वो ख्वाबों में क्यूँ हैं आते... 

'तड़प' ऐसे रहा मैं, मानों बावला वो कर गयी,
घुटन सी होने लगी अब, 'तड़प' मुझमें ऐसी भर गयी...

...........

©अपनी कलम से #Sad_Status #poem #Poet #Poetry #Hindi #hindipoetry #nojohindi #Nojoto  #writerscommunity #Love  Sethi Ji  Sujata jha  Arshad Siddiqui  Neha Bhargava (karishma)  –Varsha Shukla  poetry in hindi poetry poetry on love poetry lovers sad poetry
White 
नशा आँखों में देखा उनके,
पाजेब की झंकार सुन हुआ था दीवाना...
वो जिनके चेहरे पर नूर था बरसता,
उनके माथे की बिंदी को देख हुआ था परवाना... 

बाबला सा मन हुआ था मेरा, 
बस उनकी एक मुस्कान से...
मानो आग बरसाई जा रही थी, 
अपनी ठुमकती हुई चाल से... 

श्रींगार कुछ ऐसा, 
मानों कोई अप्सरा आयी थी,
अपने मखमली हाथों के स्पर्श से,  
मेरे गालों को सहलायी थी...
गुफ़्तगू कुछ प्रेम सा, आँखों हीं आंखों में हो आयी थी,
मेरे ख्वाबों में राज कर, मुझे वो सुलायी थी... 

सुबह जब नींद खुली, था पड़ा विरान,
पिछली रात ख्वाबों में जो आयी थी,
मैं था उन से अनजान...

हूर थी वो, कोहिनूर थी वो, मिलने को तरसा गयी,
'तड़प' ऐसी लगी, मेरी नींद तक उड़ा गयी...
अब देखना चाहूँ ख्वाब उसका, ख्वाब भी नहीं आते हैं,
रातें खा जाती है तमस और दिन आफताब जला जातें हैं... 

वो जिन्हें न देख सकूं, न छु पाऊँ, 
ऐसी प्यास हीं क्यूँ दे जाते...
जिनसे मिलन हो दुर्लभ, 
वो ख्वाबों में क्यूँ हैं आते... 

'तड़प' ऐसे रहा मैं, मानों बावला वो कर गयी,
घुटन सी होने लगी अब, 'तड़प' मुझमें ऐसी भर गयी...

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©अपनी कलम से #Sad_Status #poem #Poet #Poetry #Hindi #hindipoetry #nojohindi #Nojoto  #writerscommunity #Love  Sethi Ji  Sujata jha  Arshad Siddiqui  Neha Bhargava (karishma)  –Varsha Shukla  poetry in hindi poetry poetry on love poetry lovers sad poetry