मर जाऊँ या मार दूं उसे उलझन बड़ी है क्योंकि जीसे मारने चला मैं वो मेरी ही परछाईं निकली जो मेरे पिछे से मेरी हि मुखबिरी कर रही थी ज़माने भर से #मुखबिरी #solotraveller