मेरी ज़िन्दगी का किस्सा था या किसी अखबार का कॉलम था फरेब खायी है हमने अपनों से फिर भी मयकशी का आलम था वो एक शख्स जो तरसता रहा ज़िन्दगी भर हरयाली को क्यों छीन ली उसकी आँखे क़रीब जबकि सावन था ज़हर दे के वो मुझको दवा दे गया "पागल" क्या कहूँ मैं उसको राम था के रावण था इजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #Estonia #Tallin