White मां को देखे एक अरसा हुआ यह कैसी मुझ पर जिम्मेदारी है। कुछ पैसे कम कमा लूंगी मैं पर मुझे अपनी मां की छांव प्यारी है।। हर पल याद आती है तेरी मां हर रात पड़ती मुझ पे भारी है । एक तेरी ही गोद में तो सुकून था अब वो भी नही , बदकिस्मती हमारी है।। ना जाने क्यों बड़े हो गए हम , ना जाने किस युद्ध की तैयारी है । वक्त से ऐसे लड़ जाते है हम , मानो जीत पक्की हमारी है ।। जब मैं गड्ढे में गिरने वाली होती तो तुम्हारी ममता ही मुझे बचाती है । मां सुनो ना दिन तो फिर भी ठीक है पर रात तेरे बिन बहुत भारी है ।। तेरा वो प्यार से सुलाना और डाटना भी तेरी आदत पुरानी है।। मां एक तू ही मेरी अपनी है बस यही मेरी कहानी है ।। ©Writer maa❤️🫂 #15nov2024 #12:05am