' ज्योति - फेलाये ज्ञान की रोशनी ' वो सोच के कतरे हैं , जो बेशहारा सपनों को उड़ान के पंख दिलायेंगे , पैरों तले बंधी सब जंज़ीरें को तिनके की तरह उड़ायेंगे , ये वो सोच के कतरे हैं , जो इस समाज में एक इंकलाब लायेंगे , ज़िन्दगी में समा मलाल मिटा कर खुशियों के शैलाब आयेंगे , ' ज्योति - फेलाये ज्ञान की रोशनी ' वो सोच के कतरे हैं , सब अंधेरा मीट कर ये आसमां जगमगाएंगे , वो बच्चे जो कलम पकड़ना नहीं जानते थे , वहीं अपनी एक प्रेरणा भरी अपनी दास्तां लिख जाएंगे । ज्योति - फैलाएं ज्ञान की रोशनी...