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ना मैंने अपनी आँखों से छलकने दिया मेरे दिल ने हर द

ना मैंने अपनी आँखों से छलकने दिया
मेरे दिल ने हर दर्द को छुपा कर रखा
जुबां पर कभी आनी भी चाही तो हाथों ने उसे रोक दिया
आँखें भी मेरी मुझे धोखा देकर छलकनी चाहीं
ज़माने के सामने आँखों को ही बंद कर दिया
ना अपने हाथों से कोरे काग़ज़ पर उतरने दिया
अपने कुछ दर्द को मैंने सीने में ही पलने दिया ♥️ Challenge-937 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
ना मैंने अपनी आँखों से छलकने दिया
मेरे दिल ने हर दर्द को छुपा कर रखा
जुबां पर कभी आनी भी चाही तो हाथों ने उसे रोक दिया
आँखें भी मेरी मुझे धोखा देकर छलकनी चाहीं
ज़माने के सामने आँखों को ही बंद कर दिया
ना अपने हाथों से कोरे काग़ज़ पर उतरने दिया
अपने कुछ दर्द को मैंने सीने में ही पलने दिया ♥️ Challenge-937 #collabwithकोराकाग़ज़

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