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जैसे मिली हो आज अकेली, कल भी चली आना, दिल के दरवाज

जैसे मिली हो आज अकेली, कल भी चली आना,
दिल के दरवाज़े खोल रखे हैं ,सब लूट के ले जाना।

खुशियों से लुटाया है दिल को, तुम लूट के ना पछताना
दर्दे मोहब्बत  जाग  उठे , कल  आऊंगी  कह  जाना।

झूठी उम्मीद नहीं करते ,कुछ और अधिक पाने की,
उल्फत में इतना काफी है, हंसती आंखों का नजराना

©Anuj Ray
  #जैसे मिली हो आज अकेली
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

#जैसे मिली हो आज अकेली #लव

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