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प्रेम एक रूप अनेक ज़ब कोई प्रेममय क्षणो मे अपने

प्रेम एक रूप अनेक
ज़ब कोई  प्रेममय  क्षणो  मे  अपने  अहम का
विसर्जन कर देता हैँ.. तो ऐसे प्रेम को यथार्थ
प्रेम कहा जाता हैँ

वो प्रेम जो  अ पने  आंडमी स्वरूप. को  पा लेता हैँ
तो उस प्रेम को  वीतराग. प्रेम कहा जाता हैँ

और ज़ब कोई  सत्तावान स्वयं को  विशवसत्ता
से प्रथक नहीं  मानता और  सर्व के प्रति अपने को छोड़ देता हैँ तो उस प्रेम को  प्रार्थनागत.
प्रेम  कहा जाता हैँ

©Arora PR
  प्रेम एक रूप स्नेक
arorapr7519

Arora PR

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प्रेम एक रूप स्नेक #कविता

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