एक आशियाना हो, बडा नाहो छोटा ही सही। हसीं भी हो,खूबसूरत भी, जनत ना हो जनत की मिराज ही साही। जिसकी दिवांरे पत्थरों से नही। ख्वाबों से बनी हो। जिसकी दिवारों पे तस्वीरें टांगी नही। यांदे संजोई जा सके। एक आशियाना हो ,चार दीवारों सा नही। खुला आसमानो सा। जिसकी फिज़ाओं में अलग सा नशा हो। उस नशे में बस प्यार ही प्यार घुला हो। एक आशियाना हो। जिसके के आँगन फूलो से सजा हो। जिसके आँगन में पेड़ ही पेड़ लगे हो। और उसके साये में सुकून ही सुकून भरा हो। एक आशियाना हो । बडा नाहो छोटा ही सही। जनत ना हो जनत की मिराज ही सही। एक आशियाना हो #आशियाना #ashiyana #घर #नोजोतो #hindihojoto #kavishala #poetry #कविता