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किसी माथे को चूमना ईश्वर के मन को स्पर्श करने जै

किसी माथे को चूमना 
ईश्वर के मन को स्पर्श 
करने जैसा है जहां सिर्फ़
पवित्रता और 
प्रेम निवास करता है।
बस प्रेम....!
~© Anjali Rai— % & नायक जानते हैं कि
उनकी प्रतीक्षित विराहिणी की
देह से कहीं अधिक तपा होगा
उसका अंतर्मन 

इसलिए वो प्रेम का
प्रथमाक्षर होंठों पर नहीं
अपितु माथे पर रखते हैं
किसी माथे को चूमना 
ईश्वर के मन को स्पर्श 
करने जैसा है जहां सिर्फ़
पवित्रता और 
प्रेम निवास करता है।
बस प्रेम....!
~© Anjali Rai— % & नायक जानते हैं कि
उनकी प्रतीक्षित विराहिणी की
देह से कहीं अधिक तपा होगा
उसका अंतर्मन 

इसलिए वो प्रेम का
प्रथमाक्षर होंठों पर नहीं
अपितु माथे पर रखते हैं