मुझे बनाने में कोई रातों जागा है कोई दिन धूप में भी सरपट भागा है... कोई एक निवाला काम खा कर के मेरी ईंटों को लाया है... कोई मुझे बनाने के लिए सारे सुख वैभव छोड आया है... किसी ने मुझे बनाने के लिए सिक्का सिक्का जोड़ा है... और किसी मुझे बनाने में अपने लोगों से रिश्ता तोड़ा है...!! ©Neetesh kumar दीवारें कहती है कि... #kavita #Poetry #neeteshkumar #Nojoto #nojotopoetry #nojotostar #