A relationship starts with जब मैं बहुत गुस्सा थी और तुम मेरे गुस्से को बढा रहे थे मैं सिर्फ एक लम्हा ढूढ रही थी और तुम मेरे हर लम्हे को खुशनुमा करने की कह रहे थे मैं थक हार कर रोना चाहती थी और तुम मुझे रोकर मना रहे थे मैं भागना चाहती थी सब से और तुम फिर से मुझे सबके नजरो में ला रहे थे मैं एक दोस्त चाह रही थी और तुम हमसफर बनकर साथ निभाने की बात कर रहे थे मैं रिश्तो की हिमाकत से परेशान थी और तुम फिर उन्ही रिश्तो की भीड़ में मुझे उलझा रहे थे मुझे आदत थी चैन से रहने की और तुम रात रात जागकर मेरी बैचेनी बढा रहे थे जिंदगी की दौड़ में तुमने मुझे रोकने का काम कीया था याद है मुझे वो शुरूआत जब तुमने हल्के से मुझे अपना कीया था #NojotoQuote