कागज की कश्तियो में सपना तैराया है एक दौर में जिंदगी तुझे खूब नचाया है बादल के पीछे था जो परियों का देश अब नही है मगर किसी बखत खूब सजाया है गुलामी करते हुए कोफ्त से बचा हुआ हूँ क्युंकि याद है वो टोली जिसने सरदार बनाया है सबकी नफरत भरी आंखो को प्यार से देखूँ बचपन से ही किसी ने संस्कार जगाया है हम सफ़र पर निकले, काग़ज़ की कश्तियों में... #काग़ज़कीकश्ती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi