याद तेरी आई ओ तन्हाई ख़ुद को बर्बाद करने के बाद ही तुझे आबाद किया है, अपने दिल को अब ज़ख्मों से हर तरह से पाट दिया है, ख़्वाबों को भी कर दफ़न, रूह के किसी गतालखाने में, ऐ तन्हाई, ज़माने से आस हारकर ही तुझे याद किया है.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla याद तेरी आई ओ तन्हाई.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .