ये दुनिया ये जिंदगी कितनी वीराने से लगते हैं , संगीत और नगमे चंद लफ्जों से रंग भरते हैं । अपनी महबूबा और अय्याशी मे तो वो खुश थे और यहां हम अपनी जिंदगी के कश्मकश में लिप्त थे । हम तो जीना ही छोड़ देते अगर शायरी और ग़ज़ल का सहारा न लेते । मैंने जाना की ये दुनिया समय की भावविहीन गाड़ी है इससे बेहतर है संगीत की अपनी दुनिया बना लेते हैं । ©NISHA DHURVEY #merasheher