जो था कभी मेरे ख़्वाबों और ख़यालों में, अब उस इश्क़ का भी एक चेहरा हुआ है। तेरे इश्क़ के पहरे ने मुझे घेरा हुआ है, मेरा मन केवल तुझ पर ठहरा हुआ है। मैं पूरी तरह रंग गयी थी तेरे जिस रंग में, वो वक़्त के साथ और भी गहरा हुआ है। ❤️❤️ ♥️ Challenge-527 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।