जिसने गिराया,उसने उठाया,कुछ बुदबुदाया ,नहीं!इसलिए संभाल नहीं पाया। जो भी पाया,उसका दिया,कुछ जख्म मलहम के इंतजार से भरना ही सताया।। #स्वरचित © #शून्य #किरदार #बदलना #नहीं #आया #सँभलना ✍🏼 कुछ अनकहा सा... #YourQuoteAndMine Collaborating with अविनाश पाल "शून्य"