@पलकों में सजे हर ख्व़ाब पूरे हो, अरमान तुम्हारे कोई न अधूरे हो, मेरी नन्ही परी तो अब बड़ी हो गई, घुटनों पर चलते-चलते अब खड़ी हो गई. तुझको पास बुलाती है, दिल के सारे गमों को भुलाती है, ऐ मेरी प्यारी सी परी जिंदगी तुझमे ही समाती है......कवि ऋषभ Dev Paris