यूं ना हो हताश कभी, चाहें पहुंचो क्यों ना अर्श से फर्श पर। फ़िर से ख़ुद में जोश भर लो, पहुंच जाओगे फर्श से अर्श पर।। उतार चढ़ाव हैं जीवन के, ये दो स्वरूप निराले। कभी ख़ुशी तो कभी गम हैं, पतझड़ के हैं ये मेले।। हो ना निराश तुम जीवन से, फिर से कर को नई शुरुवात। बिगड़े काम फ़िर से बन जाते हैं, कभी दिल से सोचों आप।। जहां चाह हैं, वहीं हैं राह, ये मत भूलो कभी आप। हर दिन होता नया, बस मेहनत करतें जाओ आप।। #challengeno6. 👇 Collabwith #the_speed_of_motivation हार नही मानी फिर भी चलता रहा मैं इस सन्दर्भ में लिखिए अर्श से फर्श तक का सफर .......... 👉collab करने से पहले हमारे नियम और शर्तों को पिन पोस्ट 📌पर जरूर पढ़ें ! 👉8lines के साथ collab कीजिए जो भी लिखें motivation लिए हुए होना चाहिए !