अय्याशियों से भर गया है मन मेरा अब तो सिर्फ किसी एक का होना है मुझे भर डाले कईयों की तारीफों में पन्ने अब तो सिर्फ एक पर सारी किताब लिखनी है कि सड़क पर निकलूं मेरी हथेलियों में उसका हाथ लिए तो किसी अपने के देखने पर क्या होगा वो डर अब नहीं चाहिए कि हर सुबह आज क्या पहनूं के विचार से परेशान हो गया हूं मैं अब कोई ऐसा हो जो कह दे, मैंने आपके कपड़े निकाल दिए हैं कि जब तक मेरा अपना अंश इस दुनिया में ना आ जाए मुझे हर रात एक बच्चे की तरह तेरी बाहों में सोना हैं कि अय्याशियों से भर गया है मन मेरा अब तो सिर्फ किसी एक का होना है मुझे ©Sudhanshu gautam #Dream #Marriage #MySun