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मिल जाए कोई भी अपनापन जताते हैं। ना जाने लोग हमे

मिल जाए कोई भी अपनापन जताते  हैं। 
ना जाने लोग हमें क्यों सिर्फ मतलब के लिए बुलाते हैं।
 चेहरे पे ख़ुशी, दिल में दर्द शुपा के रखने होते हैं।
हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं।

मांग ले ना कुछ, रिश्तेदार भी पास कहां आते हैं। 
ये दुनिया वाले भी रिश्ता पैसे वालो से निभाते हैं।
चाचा, मामा,   फ़ुफ़ी  कोनसे अपने होते हैं।
हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं।

 ना कोई प्राइवेसी, ना कोई कमरे (Room) अलग से होते हैं। 
तोड़ जाए कोई दिल, तो कम्बल ओढ़ के रोते हैं। 
ख्वाहिशों को मार के, घर के खर्चो के ख्याल भी तो रखने होते हैं।
 हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं।
हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं।

MIL JAYE KOI BHI APNAPAN JATATE HAIN...
 NA JAANE LOG HUMEIN KIU, SIRF MATLAB KE LIYE BULATE HAIN.
CHEHRE PE KHUSHI ,DIL MEIN  DARD SHUPA KE RAKHNE HOTE HAIN...
HUM MIDDLE CLASS VALO KE BAS SAPNE HOTE HAIN..

MAANG LE NA KUCH, RISHTEDAAR BHI PAAS KAHAN AATE HAIN..
YE DUNIYA VALE BHI RISHTA PAISE VALO SE NIBHAATE HAIN... 
CHACHA, MAMA, FUFFI KONSE APNE HOTE HAIN..
HUM MIDDLE CLASS VALO KE BASS SAPNE HOTE HAIN...

NA KOI PRIVACY, NA KOI KAMRE (Room) ALAG SE HOTE HAIN. 
TOD JAYE KOI DIL, TO KAMBAL ODH KE ROTE HAIN. 
KHAWAHISHO KO MAAR KE, 
GHAR KE KHARCHO KE KHYAAL BHI TOH RAKHNE HOTE HAIN. 
HUM MIDDLE CLAAS VALO KE BAS SAPNE HOTE HAIN. 
HUM MIDDLE CLASS VALO KE BAS SAPNE HOTE HAIN.

©its.cute.girl
  Middle class family children be like 🩷🫨

मिल जाए कोई भी अपनापन जताते  हैं। 
ना जाने लोग हमें क्यों सिर्फ मतलब के लिए बुलाते हैं।
 चेहरे पे ख़ुशी, दिल में दर्द शुपा के रखने होते हैं।
हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं।

मांग ले ना कुछ, रिश्तेदार भी पास कहां आते हैं।

Middle class family children be like 🩷🫨 मिल जाए कोई भी अपनापन जताते हैं। ना जाने लोग हमें क्यों सिर्फ मतलब के लिए बुलाते हैं। चेहरे पे ख़ुशी, दिल में दर्द शुपा के रखने होते हैं। हम मिडल क्लास वालो के बस सपने होते हैं। मांग ले ना कुछ, रिश्तेदार भी पास कहां आते हैं। #Poet #ghazal #Festival #navratri #Reels

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