ये खेल रही मुझसे हमजोली जिन्दगी बन गई पहेली बहते जा रही बहते जा रही किनारे पर भी आग लगी भरी दोपहरी अब क्या जाने किस ओर चल पड़ी ।।। सुप्रभात। जीवन रूपी नदी में सब अपनी अपनी नावों में सवार हैं और अकेले ही हैं। #नावअकेली #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi