"किसी का दर्द वही समझ पाता, 'जिसने ठोकरें खाई हो, "अपमान कि अंगारों भरी, "बरसात सही हो। "धोके मतलब के " रिश्ते जिन आंखों ने देखे हो, "हर दर्द को कांटों की, "चुभन की तरह सहा हो, "पल पल उस पीड़ा को,घुट घुट पिया हो। "जो नंगे पांव में तपती धूप में चला हो, "जो बिना चीजों के रहा हो। "दूसरों के पास खुशियां देखकर अपनी किस्मत में रोया हो। "जिसे जिंदगी ने झकझोरा हो, "किस्मत ने तोड़ा हो। "आज वह दूसरों का दर्द "तभी समझ पाया है। क्योंकि,, प्रकृति ने उसे संवेदनशील बनाया है । OPEN FOR COLLAB ✨ #ATदर्दसमझनेकेलिए • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your soulful words.✨ Transliteration: Kisi ka dard samajhne ke liye (To understand someone's pain)