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तीव्रता से .... प्रेम ने मुझे कान में ही कहकर मेर

तीव्रता से ....
प्रेम ने मुझे कान में ही कहकर 
मेरे "प्रेम-दिवस " को सार्थक कर दिया 
मैं उनकी किसी गोपी की भाँति
प्रतीक्षा करने लगी ....साँझ हो गयी 
बुदबुदाने लगी मन ही मन 
कान्हा न आयेंगे अब शायद ..
उन्हें मथुरा अधिक भा गया है ...
और .... मैंने दीप की लौ धीमी कर दी ...
स्वयं ही हृदय से प्रश्न करती ..कचोटती ..
" कान्हा न आयेंगे क्या ??? " 
और विगतवर्षों की तरह ही
 मेरा "प्रेमदिवस " अधूरा ही रह गया .... #प्रेमदिवस #valentine #love #nojoto #poetry
तीव्रता से ....
प्रेम ने मुझे कान में ही कहकर 
मेरे "प्रेम-दिवस " को सार्थक कर दिया 
मैं उनकी किसी गोपी की भाँति
प्रतीक्षा करने लगी ....साँझ हो गयी 
बुदबुदाने लगी मन ही मन 
कान्हा न आयेंगे अब शायद ..
उन्हें मथुरा अधिक भा गया है ...
और .... मैंने दीप की लौ धीमी कर दी ...
स्वयं ही हृदय से प्रश्न करती ..कचोटती ..
" कान्हा न आयेंगे क्या ??? " 
और विगतवर्षों की तरह ही
 मेरा "प्रेमदिवस " अधूरा ही रह गया .... #प्रेमदिवस #valentine #love #nojoto #poetry