दरगाह तुम जाते नही, मंदिर में सिर झुकाते नही, फिर कौन सा धागा है मन्नत का जो गांठ तुमने बाँधा था वो आज़तक खुलता नही.... #गांठ#दरगाह#मन्नत #YQDidi