#भिखारिन नालंदा के पावापुरी का एक एतिहासिक महत्व रहा है और वहां एक चर्चित जैन शुद्ध भोजनालय हैं। जहां मेरा दोपहर का लंच अक्सर वहीं होता है। हम थे तीन यार , तीनों लंच करके लौट रहे थे और हम सब दोस्त-यार आराम से एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि एक लगभग 70-75 साल की PNB ATM के पास बुजुर्ग स्त्री पैसे मांगते हुए मेरे सामने हाथ फैलाकर सामने आ गई। उनकी कमर झुकी हुई थी, चेहरे की झुर्रियों में भूख तैर रही थी। नेत्र भीतर को धंसे हुए किन्तु सजल थे। उनको देखकर मन मे न जाने क्या आया कि मैने जेब मे सिक्के निकालने के लिए डाला हुआ था तभी दोस्तों ने भी कुछ सिक्के उनके हाथ पर रख दिए और तभी मैं जेब से अपना हाथ वापस खींचते हुए उनसे पूछ लिया I "दादी खाना खाओगी ?"