White भटकता रह गया,मैं दर-बदर, मिला कहीं नहीं,ख़ुदा का घर । कोशिश अभी भी जारी है, लगी ये कैसी बीमारी है । गली-गली,ढूंढ़ता रहा शहर, मिला कहीं नहीं,ख़ुदा का घर । मिले सही,तो अदा कर दूँ, सर को धड़ से,जुदा कर दूँ । रुकेगा नहीं,अब ये सफ़र, मिला कहीं नहीं,ख़ुदा का घर । ©ANIL KUMAR,) #Khuda #khoj #God #anilkumar #anil_quotes #मेरीलेखनी✍️(अनिल कुमार)