जिस प्यार के पौधे को जत्न से रखा था, वो पौधा मुरझा गया जिस पौधे को जुल्फों की घनेरी छांव में पाला था, वो पौधा मुरझा गया। सांझ पड़े लालिमा में खुशियों की जगह मातम-सा छा गया, भूलना चाहती हूं मैं वो खौफ़नाक मंज़र, पर यह काला पल फिर याद आ गया। अपना सबकुछ देकर सींचा था जिसे, यादों के साये से पल्लवित हुआ था जो, वो प्यार का पौधा आज मुरझा गया। जिसके लहलहाने की दुआ में हर दर पे मत्था टेका, वो पौधा आज मुरझा गया अब न जीवित होगा वो कभी, चाहे अश्कों से ही क्यूं न सींचू, वो दुनिया छोड़ गया, खुद मुरझा कर मुझे निर्जीव कर चला गया।। #yqbaba #yqdidi #smquote #elegy #mourn #missing #memoir #love