चल जिन्दगी तुझे एक नया काम देता हूं। बहुत हो गया भाग दौड़ अब आराम देता हूं। कोई नही इस खुदगर्ज जमाने में तेरा अपना कोई, चल तुझे अब एक अलग मुकाम देता हूं। चल जिन्दगी तुझे एक नया काम देता हूं। दिल में अब किसी के लिए कोई जगह मत रखना। कोई कितना भी अपना बने किसी से मोह मत रखना। खत्म कर किस्सा ए अपने पराए का, तुझे जीने का फीर से एक नया अंदाज देता हूं। चल जिन्दगी तुझे एक नया काम देता हूं। कितना भी करेगा किसी से प्यार, बदले में तुझे रुसवाई ही मिलेंगी। तेरे एक गलती से तेरा सब किया कराया मिट्टी में मिल जाएगा, पाने को तुझे बस तन्हाई ही मिलेगी। देख ही लिया तूने सबको, अब तुझे मैं एक अलग ही आराम देता हूं । चल जिन्दगी तुझे मैं एक काम देता हूं। Lyrics by ✍️ Sanjeev Pandey ©Sanjeev Pandey #outofsight Sudha Tripathi