यूँ देर रात क्या चले आते हो धीमी धीमी चमकती रोशनी से मेरी खिड़की पर मुझे देखने क्या देखना चाहते हो अब की मैं सोई या नही या फिर से आज रात रोई तो नही मुझे कोई परेशानी तो नही या मुट्ठी में बंद कोई तुम्हारी निशानी तो नही क्यों हवा के झोखों से हिलाते हो मेरी लटें फिर से दे देते हो मेरी चादर पर सिलवटें हल्की थपकियों से सुलाते और प्यार से जाना बुलाते क्यों करते हो ऐसा मेरे साथ थाम के क्यों छोड़ देते हो मेरा हाथ बोलो न...बोलो न जाना...कुछ तो फिर आओगे न अब पूर्णमासी की रात तब तक सिर्फ मैं साथ में तुम्हारे जज़्बात मेरी मदहोशी और तुम्हारी ये खामोशी...दोनों साथ साथ। #nammy27 #yqtales #erotica #erotica_hindi #khamoshi #madhoshi #jazbaat #love