सभ्यतायें सहज-प्रेम न कर सकीं, माँग सूने समय की न वह भर सकीं!! रुक्मणी को सदा सुख मिले स्वर्ग के, राधिकाएँ तो बस साधना कर सकीं !! ©सञ्जय किरार #ThePoetsLibrary #Sanjaykirar #Poetry #poem #Sadhna #Love #Devotional