हर एक अदा तुझे दी है, इसका ना तू गुमान कर। वक़्त की नजर बहुत बुरी है , इसका तो तू मान कर।। हुनरमंद बहुत दुनियां में, उनसे दो दो हाथ कर। तुम्हें घमंड किसका है, नज़र उठा फिर बात कर।। ग़ुरूर