Hindi SMS shayari भीड़ लगा था, सभा लगी थी, बड़े-बड़े धर्मी थे बैठे, राजा-महाराजा, ज्ञानी से लेकर सारे अभिमानी थे बैठे, बीच दरबार मे पिता-चाचा के सामने जुए का था खेल चला, राज-पाठ, इंद्रप्रस्थ,भाइयो औऱ खुद को भी युधिष्टर हार चला, अब होना था कुछ ऐसा जो बड़ा ही अचंभा था, बैठ जुए में बीच सभा मे एक नारी का दांव लगा, देखते ही देखते जुए में धर्मराज पत्नी को हार गया, काहे का धर्मराज जो पत्नी को दांव लगाता है, अधर्मी दुर्योधन द्रौपदी के अस्मत की खिल्ली उड़ाता है, बीच सभा मे बैठा बलशाली पांडव हाथ मला रह जाता है, भीम गदा औऱ अर्जुन का धनुष भी काम ना आता है, चाचा-ताऊ, ससुर सारे बस पात्र बने रहते है, बीच सभा मे ख़ुद की बहू का चिर-हरण देखते है, वो तो प्रभु कृष्ण थे जिसने भक्तन का मान बढ़ाया, औऱ एक नारी की अस्मत तार-तार होने से बचाया!! #NojotoQuote #द्रौपदी #चीरहरण