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कभी लगती है दादी अम्मा, तो कभी डांटती है जैसे हो म

कभी लगती है दादी अम्मा,
तो कभी डांटती है जैसे हो मेरी मम्मा,
कभी गुस्सा हो रूठ जाती,
तो कभी प्यार से पास बुलाती...
कभी टप टप आंसु बहाती,
तो कभी मंद मंद ही मुस्कुराती,
दिल की बड़ी ही नेक है
सच कहूं तो मेरी बहना लाखों में एक हैं...

©maher singaniya मेरी प्यारी बहना...
कभी लगती है दादी अम्मा,
तो कभी डांटती है जैसे हो मेरी मम्मा,
कभी गुस्सा हो रूठ जाती,
तो कभी प्यार से पास बुलाती...
कभी टप टप आंसु बहाती,
तो कभी मंद मंद ही मुस्कुराती,
दिल की बड़ी ही नेक है
सच कहूं तो मेरी बहना लाखों में एक हैं...

©maher singaniya मेरी प्यारी बहना...