मैं क्यो हैरान हूं मैं क्यो परेशान हूं किसका में अरमान हूं किसका में फरमान हूं किसका में जहान हूं किसकी में निगहबान हूं ना कोई हलचल मुझमे ना कोई शोर सुना शमसान हूं कुछ दिन था भरा-भरा अब वीरान हूं चलती फिरती में दुकान हूं किसके हक की मैं जमी किसके हक का मैं आसमान हूं फिर मैं क्यो हैरान हूं फिर मैं क्यो परेशान हूं ||MR BAAZ WRITES || ||M.S.GOUR|| #msgour #sad