बस आजादी के नारे ही लगाऊं या स्वतंत्रता को समझ भी जाऊँ ये स्वाधीनता हम यूं ही नी पाए अखंड भारत का इतिहास बताए कितनों ने अपने जान गवाए राष्ट्र हित में खुद को दफनाए निर्दोषों ने सर कटवाए लाखों ने अपनों को गँवाए और जाने कितने कुर्बान हुए तब हिन्द हमारे नाम किए इसे आज़ाद वतन हम अपना कहके ये कर्ज न संभाला जाता हमसे मेरा रूह तुझे सलाम करे सजदे में तेरे हम माथा टेके यूं तु मेरे शीश पर आशीष दे शीश मेरा तेरे नाम से झुके तिरंगे को तुने कभी झुकने न दिया अपवाद है तु बलिदान शौर्य का है तुझसे ही बरकत हरदम संजोए सदा तु सीमा - सरहद यूं मर -मिट जाने की कोई हद नहीं है हार - जीत तिरंगे के नाम में ही जो लहु अपना बहाए तु चोटी पर तिरंगा लहराते यूं तुझे चोट निगले पर आह ना निकले इस दर्द में भी तु मन्द मुस्काए तेरे एहसान को हम कैसे चुकाएं ऐ वीरों तुझे हम कुछ क्या नवाजें? हमारी सांसें तो हैं तेरे हवाले सलाम तुझे ऐ वतन के रखवालों तेरे चरणों में ये शीश मेरे वीर जवानों। तेरे चरणों में ये शीश मेरे अमर जवानों। ©Deepali Singh #शूरवीरों तुझे सलाम...