हंसती खेलती जिंदगी, दुश्वार मत करना। सिंगल रहना तुम बेशक, यारों प्यार मत करना।। पहले आकर तुमसे ये, झूठा इश्क़ जतायेंगे। फिर बाबू सोना की तुमको, परिभाषा सिखलायेंगे। बड़े शौक से पहले ये, तुमसे मिलने आयेंगे। मिलते ही नया यार ये, तुम्हे छोड़कर जायेंगे। इनका कभी इज़हार तुम, स्वीकार मत करना। सिंगल रहना तुम बेशक, यारों प्यार मत करना।। खुद ही टूटकर चाहोगे, और खुद ही बिखर जाओगे। दरिया में बैठकर भी नहीं तुम, प्यास बुझा पाओगे। करोगे मिन्नतें उसके आगे, कोई नहीं चारा है। लैला मंजनू हीर और राँझा, सबने यहीं हारा है। प्यार व्यार के चक्कर में, आंखे चार मत करना। सिंगल रहना तुम बेशक, यारों प्यार मत करना।। कृष्ण ने चाहा राधा को, मीरा चाही नंदलाला। रुक्मणि के संग ब्याह रचायो, किस्मत का खेल निराला। राम नाम की माला लेकर, दुनिया से नाता तोड़ दिया। जग वालों के कहने पर, श्रीराम ने पत्नी छोड़ दिया। इस धरा की धरती पर, कभी ऐतबार मत करना। सिंगल रहना तुम बेशक, यारों प्यार मत करना।। ©पूर्वार्थ #सिंगल