लगा कर आग शहर को बादशाह ने कहा कि उठा है दिल में आज तमाशे का शौक बहुत, झुका कर सर सभी गुलाम बोल उठे, हुजूर का शौक सलामत रहे, शहर और भी है। हुजूर का शौक सलामत रहे